हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "मदन अल-जवाहिर वा रियाज़तुल ख्वातिर" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الباقر علیه السلام:
مَنْ كَذَبَ ذَهَبَ جَمَالُهُ وَ مَنْ سَاءَ خُلُقُهُ عَذَّبَ نَفْسَهُ وَ كَثُرَتْ هُمُومُهُ وَ مَنْ تَظَاهَرَتْ عَلَيْهِ اَلنِّعْمَةُ فَلْيُكْثِرْ مِنَ اَلشُّكْرِ وَ مَنْ كَثُرَتْ هُمُومُهُ فَلْيُكْثِرْ مِنَ اَلاِسْتِغْفَارِ وَ مَنْ أَلَحَّ عَلَيْهِ اَلْفَقْرُ فَلْيَقُلْ لاَ حَوْلَ وَ لاَ قُوَّةَ إِلاَّ بِاللَّهِ اَلْعَلِيِّ اَلْعَظِيمِ
इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने फ़रमाया:
जिसने झूठ बोला उसने अपनी सुंदरता खो दी, जिसने अनैतिकता की उसने स्वयं को दंड में धकेल दिया, जिसके पास धन है, उसे अल्लाह का बहुत आभारी होना चाहिए, जो बहुत दुःख से पीड़ित है, उसे बहुत आभारी होना चाहिए खूब माफ़ी मांगनी चाहिए और जिस किसी को गरीबी से राहत न मिले उसे धिक्कार "लाहौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह अल-अलीयुल अज़ीम" का खूब पाठ करना चाहिए।
मदन अल-जवाहिर वा रियाज़तुल ख्वातिर, भाग 1, पेज 50
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